उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा धान की फसल की खरीद 1 अक्टूबर से पूरे राज्य में शुरू हो गई है और किसानों को बिक्री के 48 घंटे के भीतर भुगतान किया जाएगा। सोमवार को एक आधिकारिक बयान के अनुसार, यह खरीद कुछ हिस्सों में होगी, जो पश्चिमी यूपी से शुरू होगी और बाद में महीने के अंत में इसे पश्चिमी यूपी के जिलों तक विस्तारित किया जाएगा। एक बयान में कहा गया है कि खरीद 1 अक्टूबर से कुछ जिलों जैसे कि हरदोई, लखीमपुर खीरी और सीतापुर में शुरू हो गई है और बाद में इसे 1 नवंबर से लखनऊ, रायबरेली और उन्नाव जैसे अन्य जिलों में भी बढ़ाया जाएगा। एक बयान के मुताबिक, धान की खरीद 31 जनवरी 2025 तक होगी और इस दौरान यह मेरठ, सहारनपुर, मोरादाबाद, बरेली, आगरा, अलीगढ़ और झांसी जैसे अधिक जिलों को कवर करेगी। धान की फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2300 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, वहीं ग्रेड ए धान की फसल की कीमतें 2320 रुपये तय की गई हैं। इसके अलावा किसानों को उनके उत्पादों की उतराई, छनाई और सफाई के लिए प्रति क्विंटल 20 रुपये मुआवजा देने की बात कही गई है। प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा राज्य भर में 4000 खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं। जैसा कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है, किसानों को त्वरित वित्तीय सहायता की गारंटी देते हुए, किसानों को बिक्री के 48 घंटों के भीतर भुगतान किया जाएगा। 1 सितंबर से धान खरीद के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो रही है और पहले महीने के भीतर लगभग 32,000 किसान इस योजना के लिए पंजीकरण करा चुके हैं। जैसा कि कृषि विभाग द्वारा बताया गया है, खरीफ फसल विपणन वर्ष 2024-25 के लिए धान की खेती का क्षेत्रफल लगभग 61.24 लाख हेक्टेयर है, जिसमें लगभग 265.54 लाख मीट्रिक टन का अपेक्षित उत्पादन होता है, जिसका मतलब है कि प्रति हेक्टेयर 43.36 क्विंटल औसत उत्पादन होता है।