शकरकंद की खेती से कमाएं तगड़ा मुनाफा, यहां से घर बैठे ऑर्डर करें बीज |

सरकार उन किसानों को बीज यानी बेल वितरित कर रही है जो किफायती दामों पर शकरकंद बोने की योजना बना रहे हैं। शकरकंद की बुवाई कभी भी की जा सकती है। लेकिन शकरकंद की अच्छी पैदावार के लिए इसके बीज या बेल अच्छी गुणवत्ता के होने चाहिए।।

श्रीभद्रा शकरकंद की एक उच्च उपज देने वाली किस्म है। यह कम अवधि की किस्म है। इस किस्म को पकने और कटाई के लिए तैयार होने में 90 से 105 दिन लगते हैं। इस किस्म की पत्तियाँ आकार में चौड़ी होती हैं। वहीं, इसके कंद छोटे और गुलाबी रंग के होते हैं। कंद में 33 प्रतिशत सूखा पदार्थ, 20 प्रतिशत स्टार्च और 2.9 प्रतिशत शर्करा होती है।।

राष्ट्रीय बीज निगम किसानों के लाभ के लिए ऑनलाइन माध्यम से शकरकंद की उन्नत किस्म श्रीभद्र की बेल बेचता है। आप इस बेल को ONDC के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं। यहाँ आपको कई अन्य फसलों के बीज भी आसानी से मिल जाएँगे। आप ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर मंगवा सकते हैं।।

अगर आप भी शकरकंद की एक किस्म श्रीभद्र को उन्नत स्तर पर उगाना चाहते हैं तो इसके 500 ग्राम के बीज राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर 35 प्रतिशत की छूट के साथ 1562 रुपये में उपलब्ध हैं। इसके जरिए आप आसानी से शकरकंद उगा सकते हैं और अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।।

शकरकंद की फसल के लिए, पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करने के बाद, पुरानी फसल के अवशेष, खरपतवार और कीटों को नष्ट करने के लिए खेत को कुछ दिनों के लिए खुला छोड़ दें।फिर खेत में प्रति हेक्टेयर 170 से 200 क्विंटल सड़ी हुई गोबर की खाद डालें और खेत की दो से तीन बार जुताई करें। खेत की मिट्टी को भुरभुरा और हवादार बनाने के लिए आखिरी जुताई रोटावेटर से करें। फिर शकरकंद की बेल बो दें। इसे आप अपने बगीचे में भी बो सकते हैं।।

शकरकंद की 400 से अधिक किस्में मौजूद हैं, जिनमें श्रीभद्र, पूसा सफेद, कोंकण अश्विनी, पूसा गोल्डन, श्री अरुण, कालमेघ, श्री अरुण, श्री रत्न क्रॉस-4, श्री वर्धिनी, श्री नंदिनी, राजेंद्र शकरकंद-5 किस्में अधिकतम उपज देती हैं।

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